| शब्द का अर्थ | 
					
				| आलोक					 : | पुं० [सं० आ√लोक(देखना)+घञ्] [वि० आलोक्य, भू० कृ० आलोकित] १. देखना। २. प्रकाश। रोशनी। ३. दर्शन। ४. प्रशंसा। ५. पुस्तक का अध्याय या प्रकरण। ६. किसी विषय पर लिखी हुई टिप्पणी या सूचना। (नोट)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| आलोक-चित्रण					 : | पुं० [स० त०] एक वैज्ञानिक प्रक्रिया जिसमें प्रकाश में रखी हुई छाया या प्रतिबिंब इस प्रकार ग्रहण किया जाता है कि उस पर से उसका चित्र छप जाता है। (फोटोकापी)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| आलोकन					 : | पुं० [सं० आ√लोक्+ल्युट्-अन] [वि० आलोकनीय, भू० कृ०, आलोकित] १. अच्छी तरह से देखना। अवलोकन। २. दिखलाना। ३. आलोक या प्रकाश से युक्त करना। ४. चमकाना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| आलोकनीय					 : | वि० [सं० आ√लोके+अनीयर] आलोकन किये जाने के योग्य। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| आलोक-पत्र					 : | पुं० [सं० ष० त०] वह पत्र या लेख जो किसी विषय को स्पष्ट करने के लिए स्मारक के रूप में लिखा गया हो। जैसे—किसी सभा, मंडली आदि के उद्देश्यों और व्यवस्था से संबंध रखनेवाला पत्र या पुस्तिका। (मेमोरैन्डम) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| आलोकित					 : | भू० कृ० [सं० आ√लोक+क्त] १. देखा हुआ। २. जो आलोक या प्रकाश से युक्त किया गया हो। ३. चमकता हुआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |