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			| शब्द का अर्थ |  
				| आसन्न-भूत					 : | पुं० [कर्म० स०] व्याकरण में भूत-काल का वह रूप जिससे सूचित होता है कि भूतिकालिक क्रिया या तो वर्तमान काल में पूरी हुई है (जैसे—मैं वहाँ हो आया हूँ) अथवा उसकी पूर्णता या स्थिति वर्तमान काल में भी व्याप्त है (जैसे—(क) तुलसी दास ने राम का ही गुण गाया है, (ख) वह अभी तक वहाँ खड़ा है या खड़ा हुआ है)। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |