| शब्द का अर्थ | 
					
				| आसर					 : | पुं० =आशर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| आसरना					 : | अ० [सं० आश्रय] १. आसरा या सहारा लेना। २. शरण लेना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| आसरा					 : | पुं० [सं० आश्रय] १. वह जिसके आधार या सहारे पर कुछ टिका, ठहरा, रुका या लगा हो। अवलंब। आधार। जैसे—गिरनेवाली छत के नीचे खंभे का आसरा लगाना। २. वह जिसपर काल-यापन, जीवन-निर्वाह, भरण-पोषण, स्थिति आदि आश्रित हो। अवलंब। ३. रक्षा, शरण आदि का स्थान। ४. किसी आशा की पूर्ति या कार्य की सिद्धि के संबंध में होनेवाली आशा या विश्वास। जैसे—हमें तो बस आपका ही सहारा है। ४. इंतजार। प्रतीक्षा। मुहावरा—(किसी की) आसरा देखना=प्रतीक्षा करना। रास्ता देखना। पुं०=आशा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| आसरैत					 : | वि० [हिं० आसरा से] किसी के आसरे या सहारे रहनेवाला। आश्रित। स्त्री० वह स्त्री जो किसी पर पुरुष का आश्रय लेकर उसके साथ पत्नी के रूप में रहती हो। रखेली। | 
			
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				| आसर					 : | वि० [सं० असुर+अण्] १. असुर-संबंधी। २. असुरों की तरह का। जैसे—आसुर-विवाह (देखें)। पुं० सोंचर नमक। विड्लवण। पुं० [सं० असुर] असुर। राक्षस। उदाहरण—काहू कहूँ सुर असुर मार्यौ।—केशव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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