| शब्द का अर्थ | 
					
				| आहर					 : | पुं० [सं० अहः] १. काल। वक्त। समय। २. दिन। दिवस। पुं० [सं० आहव] [स्त्री० अल्पा० आहरी] १. छोटा तालाब। २. युद्ध। पुं० =आहार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| आहरण					 : | पुं० [सं० आ√हृ+ल्युट्] [वि० आहरणीय, आहृत, कर्तृ० आहर्ता] कुछ चुराकर या छीनकर कहीं ले जाना। पुं० =आभरण (गहना)। | 
			
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				| आहरणीय					 : | वि० [सं० आ√ह्र+अनीयर] जिसे हरण किया जा सके। चुराये, छीने या हरे जाने के योग्य। | 
			
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				| आहरन					 : | पुं० [सं० आहनन] लोहारों, सुनारों आदि की निहाई। अहरन। | 
			
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				| आहरी					 : | स्त्री० [हिं० आहार का स्त्री अल्पा०] १. पशुओं के पानी पीने के लिए बना हुआ छोटा हौज। २. थाला। (दे०)। | 
			
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				| आहर्ता					 : | वि० [सं० आ√हृ+तृच्] १. आहरण करने (चुराने या छीनने) वाला। २. अनुष्ठान करनेवाला। | 
			
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