| शब्द का अर्थ | 
					
				| उखम					 : | पुं० [सं० ऊष्मा] उष्णता। गरमी। उदाहरण—बैसाख ए सखि उखम लागे चंदन लेपत सरीर हो।—ग्राम्यगीत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उखमज					 : | वि० =ऊष्मज्। पुं० [सं० उष्मज्] उपद्रव, बखेड़ा आदि खड़ा करने के लिए मन में होनेवाला दुष्टतापूर्वक विचार। जैसे—तुम्हें भी बैठे-बैठे उखमज सूझा करता है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उखम					 : | पुं० [सं० ऊष्मा] उष्णता। गरमी। उदाहरण—बैसाख ए सखि उखम लागे चंदन लेपत सरीर हो।—ग्राम्यगीत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उखमज					 : | वि० =ऊष्मज्। पुं० [सं० उष्मज्] उपद्रव, बखेड़ा आदि खड़ा करने के लिए मन में होनेवाला दुष्टतापूर्वक विचार। जैसे—तुम्हें भी बैठे-बैठे उखमज सूझा करता है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |