| शब्द का अर्थ | 
					
				| उखाड़-पछाड़					 : | स्त्री० [हिं० उखाड़ना+पछाड़ना] १. कहीं किसी को उखाड़ने और कही किसी को पछाड़ने की क्रिया या भाव। २. कभी कहीं से कुछ इधर का उधर और कभी कहीं से उधर से इधर (अर्थात् अस्तव्यस्त या उलट-पुलट) करने की क्रिया या भाव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उखाड़-पछाड़					 : | स्त्री० [हिं० उखाड़ना+पछाड़ना] १. कहीं किसी को उखाड़ने और कही किसी को पछाड़ने की क्रिया या भाव। २. कभी कहीं से कुछ इधर का उधर और कभी कहीं से उधर से इधर (अर्थात् अस्तव्यस्त या उलट-पुलट) करने की क्रिया या भाव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |