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			| शब्द का अर्थ |  
				| उच्चरण					 : | पुं० [सं० उद्√चर् (गति)+ल्युट-अन] [वि० उच्चरणीय, उच्चरित] ओष्ठ, कंठ, जिह्वा, तालु आदि के प्रयत्न से शब्द निकालने की क्रिया या भाव। गले से आवाज निकालना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| उच्चरण					 : | पुं० [सं० उद्√चर् (गति)+ल्युट-अन] [वि० उच्चरणीय, उच्चरित] ओष्ठ, कंठ, जिह्वा, तालु आदि के प्रयत्न से शब्द निकालने की क्रिया या भाव। गले से आवाज निकालना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |