| शब्द का अर्थ | 
					
				| उजार					 : | वि० १. =उजाड़। २. =उजाला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उजारना					 : | स० [हिं० उजाला] १. उजाला करना। प्रकाश करना। २. उजला या साफ करना। स० =उजाड़ना। उदाहरण—भुवन मोर जिन्ह बसत उजारा।—तुलसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उजारा					 : | पुं० =उजाला। वि०=उजला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उजारी					 : | स्त्री० [?] कटी हुई फसल में से किसी देवता या ब्राह्मण के निमित्त निकालकर रखा हुआ अन्न। अगऊँ। स्त्री०=उजाली। (चाँदनी)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उजार					 : | वि० १. =उजाड़। २. =उजाला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उजारना					 : | स० [हिं० उजाला] १. उजाला करना। प्रकाश करना। २. उजला या साफ करना। स० =उजाड़ना। उदाहरण—भुवन मोर जिन्ह बसत उजारा।—तुलसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उजारा					 : | पुं० =उजाला। वि०=उजला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उजारी					 : | स्त्री० [?] कटी हुई फसल में से किसी देवता या ब्राह्मण के निमित्त निकालकर रखा हुआ अन्न। अगऊँ। स्त्री०=उजाली। (चाँदनी)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |