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			| शब्द का अर्थ |  
				| उत्तारण					 : | पुं० [सं० उद्√तृ+णिच्+ल्युट्-अन] १. तैर या तैराकर पार ले जाना। २. एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना या पहुँचाना। ३. विपत्ति, संकट आदि से छुड़ाना। उद्धार करना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| उत्तारण					 : | पुं० [सं० उद्√तृ+णिच्+ल्युट्-अन] १. तैर या तैराकर पार ले जाना। २. एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना या पहुँचाना। ३. विपत्ति, संकट आदि से छुड़ाना। उद्धार करना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |