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			| शब्द का अर्थ |  
				| उद्दीपन					 : | पुं० [सं० उद्√दीप्+णिच्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उद्दीप्त, वि,० उद्दीप्य] १. जलाने या प्रज्वलित करने की क्रिया या भाव। २. उत्तेजित करने या उभाड़ने, विशेषतः मनोभावों को जाग्रत तथा उत्तेजित करने की क्रिया या भाव। ३. उत्तेजित या दीप्त करनेवाली वस्तु। ४. साहित्य में वह वस्तु, व्यक्ति या परिस्थिति जो मन में प्रस्तुत किसी रस या स्थायी भाव को उद्दीप्त तथा उत्तेजित करे। जैसे— श्रृंगार रस में सुंदर ऋतु, चाँदनी रात आदि उद्दीप्त हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| उद्दीपन					 : | पुं० [सं० उद्√दीप्+णिच्+ल्युट-अन] [भू० कृ० उद्दीप्त, वि,० उद्दीप्य] १. जलाने या प्रज्वलित करने की क्रिया या भाव। २. उत्तेजित करने या उभाड़ने, विशेषतः मनोभावों को जाग्रत तथा उत्तेजित करने की क्रिया या भाव। ३. उत्तेजित या दीप्त करनेवाली वस्तु। ४. साहित्य में वह वस्तु, व्यक्ति या परिस्थिति जो मन में प्रस्तुत किसी रस या स्थायी भाव को उद्दीप्त तथा उत्तेजित करे। जैसे— श्रृंगार रस में सुंदर ऋतु, चाँदनी रात आदि उद्दीप्त हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
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