| शब्द का अर्थ | 
					
				| उद्भव					 : | पुं० [सं० उद्√भू(होना)+अप्] [वि० उद्भूत] १. किसी प्रकार उत्पन्न होकर अस्तित्व में आना। नये सिरे से उठकर प्रत्यक्ष होना या सामने आना। २. किसी पूर्वज के वंश में उत्पन्न होने अथवा किसी मूल से निकलने का तथ्य या भाव। (डिसेन्ट) ३. उत्पत्ति स्थान। ४. विष्णु। वि० [स्त्री० उद्भवा] जो किसी से उत्पन्न हुआ हो। (यौ० के अंत में) जैसे—प्रेमोदभव-प्रेम से उत्पन्न। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उद्भव					 : | पुं० [सं० उद्√भू(होना)+अप्] [वि० उद्भूत] १. किसी प्रकार उत्पन्न होकर अस्तित्व में आना। नये सिरे से उठकर प्रत्यक्ष होना या सामने आना। २. किसी पूर्वज के वंश में उत्पन्न होने अथवा किसी मूल से निकलने का तथ्य या भाव। (डिसेन्ट) ३. उत्पत्ति स्थान। ४. विष्णु। वि० [स्त्री० उद्भवा] जो किसी से उत्पन्न हुआ हो। (यौ० के अंत में) जैसे—प्रेमोदभव-प्रेम से उत्पन्न। | 
			
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