| शब्द का अर्थ | 
					
				| उद्वास					 : | पुं० [सं० उद्√वस् (बसना)+णिच्+घञ्] १. बंधन से मुक्त करना। स्वतंत्र करना। २. निर्वासन। ३. वध। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उद्वासन					 : | पुं० [सं० उद्√वस्+णिच्+ल्युट-अन] १. कहीं से हटाना या दूर करना। २. किसी का निवास स्थान नष्ट करके उसे वहाँ से भगाना। (डिस्प्लेसमेंट) ३. उजाड़ना। ४. मार डालना। वध करना। ५. यज्ञ के पहले आसन बिछाने और यज्ञ-पात्र आदि स्वच्छ करके उन्हें यथा स्थान रखना। ६. प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करने से पहले उसे रात भर ओषधि मिले हुए जल में रखना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उद्वासित					 : | वि० [सं० उद्√वस्+णिच्+क्त] १. (व्यक्ति) जिसका निवास स्थान नष्ट कर दिया गया हो। २. (व्यक्ति) जिसे अपने निवास स्थान से मार-पीट या उजाड़कर भगा दिया गया हो। (डिस्प्लेस्ड) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उद्वास					 : | पुं० [सं० उद्√वस् (बसना)+णिच्+घञ्] १. बंधन से मुक्त करना। स्वतंत्र करना। २. निर्वासन। ३. वध। | 
			
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				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उद्वासन					 : | पुं० [सं० उद्√वस्+णिच्+ल्युट-अन] १. कहीं से हटाना या दूर करना। २. किसी का निवास स्थान नष्ट करके उसे वहाँ से भगाना। (डिस्प्लेसमेंट) ३. उजाड़ना। ४. मार डालना। वध करना। ५. यज्ञ के पहले आसन बिछाने और यज्ञ-पात्र आदि स्वच्छ करके उन्हें यथा स्थान रखना। ६. प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करने से पहले उसे रात भर ओषधि मिले हुए जल में रखना। | 
			
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				| उद्वासित					 : | वि० [सं० उद्√वस्+णिच्+क्त] १. (व्यक्ति) जिसका निवास स्थान नष्ट कर दिया गया हो। २. (व्यक्ति) जिसे अपने निवास स्थान से मार-पीट या उजाड़कर भगा दिया गया हो। (डिस्प्लेस्ड) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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