| शब्द का अर्थ | 
					
				| उप-गीति					 : | स्त्री० [सं० अत्या०स०] आर्या छन्द का एक भेद जिसके सम चरणों में १5-१5 और विषम चरणों में १२-१२ मात्राएँ होती हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उप-गीति					 : | स्त्री० [सं० अत्या०स०] आर्या छन्द का एक भेद जिसके सम चरणों में १5-१5 और विषम चरणों में १२-१२ मात्राएँ होती हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |