| शब्द का अर्थ | 
					
				| उपचना					 : | अ० [सं० उपचय] १. उन्नत होना। बढ़ना। २. अन्दर पूरी तरह से भर जाने के कारण बाहर निकलना। फूट-पड़ना। उमड़ना। उदाहरण—जीवन वियोगिन को मेघ अँचयो सो किधौं उपच्यौ पच्यौं नउर ताप अधिकाने में।—रत्ना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उपचना					 : | अ० [सं० उपचय] १. उन्नत होना। बढ़ना। २. अन्दर पूरी तरह से भर जाने के कारण बाहर निकलना। फूट-पड़ना। उमड़ना। उदाहरण—जीवन वियोगिन को मेघ अँचयो सो किधौं उपच्यौ पच्यौं नउर ताप अधिकाने में।—रत्ना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |