| शब्द का अर्थ | 
					
				| उपमेय					 : | वि० [सं० उप√मा+यत्] १. जिसकी किसी से उपमा दी जाए। २. उपमा दिये जाने के योग्य। पुं० साहित्य में वह वस्तु या व्यक्ति जिसकी उपमा उपमान से दी जाय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उपमेयोपमा					 : | स्त्री० [उपमेय-उपमा, कर्म० स०] उपमा अलंकार का एक भेद जिसमें उपमेय और उपमान आपस में एक दूसरे के उपमान और उपमेय कहे जाते हैं। उदाहरण—औधपुरी अमरावति सी अमरावती औधपुरी सी बिराजै। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उपमेय					 : | वि० [सं० उप√मा+यत्] १. जिसकी किसी से उपमा दी जाए। २. उपमा दिये जाने के योग्य। पुं० साहित्य में वह वस्तु या व्यक्ति जिसकी उपमा उपमान से दी जाय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उपमेयोपमा					 : | स्त्री० [उपमेय-उपमा, कर्म० स०] उपमा अलंकार का एक भेद जिसमें उपमेय और उपमान आपस में एक दूसरे के उपमान और उपमेय कहे जाते हैं। उदाहरण—औधपुरी अमरावति सी अमरावती औधपुरी सी बिराजै। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |