लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

उपसंगत  : वि० [सं० उप-सम्√गम् (जाना)+क्त] १. संयुक्त। २. संलग्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसंहार  : पुं० [सं० उप-सम√हृ (हरण)+घञ्] १. परिहार। २. अंत। समाप्ति। ३. किसी प्रकरण, विषय आदि का वह अंतिम अंश जिसमें उक्त प्रकरण या विषय की मुख्य-मुख्य बातें फिर से अति संक्षेप में बतालाई जाती हैं। ४. सारांश।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस  : स्त्री० [सं० उप+हिं० बास=महक] दुर्गन्ध। बदबू।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसक्त  : वि० [सं० उप√सञ्ज्+क्त] १. आसक्त। २. संलग्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसना  : अ० [सं० उप+हिं० बासमहक] ऐसी स्थिति में होना कि बदबू निकले। गल या सड़कर दुर्गध देना। स० गला या सड़ाकर बदबू उत्पन्न करना। अ० [सं० उपबसन] दूर होना। हटना। उदाहरण—दहुं कवि लास कि कहँ उपसई।—जायसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसन्न  : वि० [सं० उप√सद् (गति)+क्त] १. सहायता या सेवा के लिए आया हुआ। २. पास रखा या लाया हुआ। ३. प्राप्त। ४. दिया हुआ। प्रदत्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसम  : पुं०=उपशम।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसरण  : पुं० [सं० उप√सृ (गति)+ल्युट-अन] १. किसी की ओर आना, जाना या पहुँचना। २. रक्त का तेजी से हृदय की ओर बहना। ३. शरण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसर्ग  : पुं० [सं० उप√सृज् (त्याग)+घञ्] १. वह अव्यय या शब्द जो कुछ शब्दों के आरंभ में लगकर उनके अर्थों का विस्तार करता अथवा उनमें कोई विशेषतः उत्पन्न करता है। जैसे—अ, अनु, अप, वि, आदि उपसर्ग है। २. बुरा लक्षण या अपशगुन। ३. किसी प्रकार का उत्पात, उपद्रव या विघ्न। ४. वह पदार्थ जो कोई पदार्थ बनाते समय बीच में संयोगवश बन जाता या निकल आता है। (बाई प्राडक्ट) जैसे—गुड़ बनाते समय जो शीरा निकलता है, वह गुड़ का उपसर्ग है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसर्जन  : पुं० [सं० उप√सृज्+ल्युट-अन] १. गढ़, ढाल या बनाकर तैयार करना। २. दैवी उत्पात या उपद्रव। ३. अप्रधान या गौण वस्तु। ४. त्याग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसर्पण  : पुं० [सं० उप√सृप्(गति)+ल्युट-अन] किसी की ओर या आगे बढ़ना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसवना  : अ० [सं० उपसरना] कहीं से भाग या हटकर चले जाना। उदाहरण—लै उपसवा जलंधर जोगी।—जायसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसादन  : पुं० [सं० उप√सद्+णिच्+ल्युट-अन] १. सेवा में उपस्थित होना। २. सम्मान करना। ३. किसी काम का भार लेना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसाना  : स० [सं० उपसना] गलाना या सड़ाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसृष्ट  : भू० कृ० [सं० उप√सृज्+क्त] १. पकड़ा हुआ। २. प्रेत आदि द्वारा पकड़ा हुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसेक  : पुं० [सं० उप√सिच् (सींचना)+घञ्] १. छिड़कना। २. तर करना। सींचना। ३. बचाव। रक्षा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसेचन  : पुं० [सं० उप√सिच्+ल्युट-अन] १. पानी से तर करना या भिगोना। २. सींचना। ३. रसेदार व्यंजन। जैसे—तरकारी, दाल आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसेवन  : पुं० [सं० उप√सेव् (सेवा करना)+ल्युट-अन] १. सेवा करना। २. सेवन करना। ३. आलिंगन करना। गले लगाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्कर  : पुं० [सं० उप√कृ(करना)+अप्, सुट्] १. चोट या हानि पहुँचाना। २. हिंसा करना। ३. जीवन-निर्वाह में सहायक होनेवाली चीजें या बातें। ४. सजावट या सजाने की सामग्री। उपस्कार। ५. कोई ऐसा यंत्र जिसमें अनेक छोटे-छोटे तथा पेचीले कल पुरजे हों। संयंत्र। (एपरेटस)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्करण  : पुं० [सं० उप√कृ+ल्युट-अन, सुट्] १. हानि या चोट पहुँचाना। २. सँवारना। सजाना। ३. विकार। ४. निंदा। ५. समूह।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्कार  : पुं० [सं० उप√कृ+घञ्, सुट्] १. रिक्त स्थान की पूर्ति करनेवाली चीज। २. सँवारना। सजाना। ३. घर-गृहस्थी आदि में सजावट की सामग्री। (फर्निचर) ४. आभूषण। गहना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्कृत  : भू० कृ० [सं० उप√कृ+क्त, सुट्] १. बनाया या प्रस्तुत किया हुआ। २. इकट्ठा किया हुआ। ३. बदला हुआ। ४. लांछित। ५. हत। ६. सँवरा या सजाया हुआ। ७. अलंकृत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्तरण  : पुं० [सं० उप√स्तृ (फैलाना)+ल्युट-अन] १. फैलाना। बिछाना। २. बिछावन। बिछौना। ३. चादर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थ  : वि० [सं० उप√स्था (ठहरना)+क] बैठा हुआ। पुं० १. शरीर का मध्य भाग। २. पेड़ू। ३. पुरुष या स्त्री की जननेंद्रिय। लिंग या भग। ४. मल-त्याग का मार्ग। गुदा। ५. चूतड़। ६. गोद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थली  : स्त्री० [सं० उपस्थल+ङीष्] कटि। कमर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थाता (तृ)  : वि० [सं० उप√स्था+तृच्] १. उपस्थित रहनेवाला। २. समीप रहनेवाला। ३. उपा-सक। पुं० नौकर। भूत्य। सेवक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थान  : पुं० [सं० उप√स्था+ल्युट-अन] १. किसी के समीप जाना या पहुँचना। २. उपस्थित होना। ३. अभ्यर्थना, पूजा आदि के लिए पास आना। ४. पूजा आदि का स्थान। ५. समाज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थापक  : पुं० [सं० उप√स्था+णिच्, पुक्+ण्वुल्-अक] १. प्रस्ताव आदि के रूप में किसी सभा या समिति के समक्ष विचार करने के लिय कोई प्रस्ताव या विषय उपस्थित करनेवाला। २. पेशकार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थापन  : पुं० [सं० उप√स्था+णिच्, पुक्+ल्युट-अन] १. उपस्थित करना। २. सभा, समिति आदि के समक्ष कोई विषय प्रस्ताव के रूप में विचारार्थ उपस्थित करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थापित  : भू० कृ० [सं० उप√स्था+णिच्, पुक्+क्त] जिसका उपस्थापन हुआ हो। उपस्थित किया हुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थित  : वि० [सं० उप√स्था+क्त] १. पास या समीप बैठा हुआ। २. जो दूसरों के समक्ष या उनकी उपस्थित में आया हो। ३. सामने आया हुआ। प्रस्तुत। ४. ध्यान या मन में आया हुआ। ५. स्मृति में वर्तमान। याद। जैसे—इन्हें तो सारी गीता उपस्थित है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिता  : स्त्री० [सं० उपस्थित+टाप्] एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में एक तगण, दो जगण और एक अन्त में एक गुरु होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति  : स्त्री० [सं० उप√स्था+क्तिन्] १. उपस्थित होने की अवस्था, क्रिया या भाव। मौजूदगी। २. हाजिरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति-अधिकारी (रिन्)  : पुं० [ष० त०] किसी संस्था, विशेषतः शिक्षा देनेवाली संस्था का वह अधिकारी जो शिक्षार्थियों की उपस्थिति संबंधी देख-भाल करता और उपस्थिति बढ़ाने का प्रयत्न करता है। (एटेण्डेण्टआफिसर)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति-पंजी  : स्त्री० [ष० त०] वह पंजी जिसमें किसी कार्यालय, संस्था आदि में नित्य और नियमित रूप से उपस्थित होनेवाले लोगों की उपस्थिति का लेखा रहता है। (एटेण्डेन्स रजिस्टर)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति-पत्र  : पुं० [सं० ष० त०] किसी को किसी अधिकारी के सामने किसी निश्चित समय पर उपस्थित होने के लिए भेजा हुआ आधिकारिक पत्र या सूचना। आकारक। (साइटेशन)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्पर्श  : पुं०=आचमन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्वेद  : पुं० [सं० उप√स्विद् (पसीना निकलना)+घञ्] १. आर्द्रता। नमी। २. भाप। वाष्प ३. पसीना । स्वेद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसंगत  : वि० [सं० उप-सम्√गम् (जाना)+क्त] १. संयुक्त। २. संलग्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसंहार  : पुं० [सं० उप-सम√हृ (हरण)+घञ्] १. परिहार। २. अंत। समाप्ति। ३. किसी प्रकरण, विषय आदि का वह अंतिम अंश जिसमें उक्त प्रकरण या विषय की मुख्य-मुख्य बातें फिर से अति संक्षेप में बतालाई जाती हैं। ४. सारांश।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस  : स्त्री० [सं० उप+हिं० बास=महक] दुर्गन्ध। बदबू।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसक्त  : वि० [सं० उप√सञ्ज्+क्त] १. आसक्त। २. संलग्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसना  : अ० [सं० उप+हिं० बासमहक] ऐसी स्थिति में होना कि बदबू निकले। गल या सड़कर दुर्गध देना। स० गला या सड़ाकर बदबू उत्पन्न करना। अ० [सं० उपबसन] दूर होना। हटना। उदाहरण—दहुं कवि लास कि कहँ उपसई।—जायसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसन्न  : वि० [सं० उप√सद् (गति)+क्त] १. सहायता या सेवा के लिए आया हुआ। २. पास रखा या लाया हुआ। ३. प्राप्त। ४. दिया हुआ। प्रदत्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसम  : पुं०=उपशम।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसरण  : पुं० [सं० उप√सृ (गति)+ल्युट-अन] १. किसी की ओर आना, जाना या पहुँचना। २. रक्त का तेजी से हृदय की ओर बहना। ३. शरण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसर्ग  : पुं० [सं० उप√सृज् (त्याग)+घञ्] १. वह अव्यय या शब्द जो कुछ शब्दों के आरंभ में लगकर उनके अर्थों का विस्तार करता अथवा उनमें कोई विशेषतः उत्पन्न करता है। जैसे—अ, अनु, अप, वि, आदि उपसर्ग है। २. बुरा लक्षण या अपशगुन। ३. किसी प्रकार का उत्पात, उपद्रव या विघ्न। ४. वह पदार्थ जो कोई पदार्थ बनाते समय बीच में संयोगवश बन जाता या निकल आता है। (बाई प्राडक्ट) जैसे—गुड़ बनाते समय जो शीरा निकलता है, वह गुड़ का उपसर्ग है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसर्जन  : पुं० [सं० उप√सृज्+ल्युट-अन] १. गढ़, ढाल या बनाकर तैयार करना। २. दैवी उत्पात या उपद्रव। ३. अप्रधान या गौण वस्तु। ४. त्याग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसर्पण  : पुं० [सं० उप√सृप्(गति)+ल्युट-अन] किसी की ओर या आगे बढ़ना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसवना  : अ० [सं० उपसरना] कहीं से भाग या हटकर चले जाना। उदाहरण—लै उपसवा जलंधर जोगी।—जायसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसादन  : पुं० [सं० उप√सद्+णिच्+ल्युट-अन] १. सेवा में उपस्थित होना। २. सम्मान करना। ३. किसी काम का भार लेना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसाना  : स० [सं० उपसना] गलाना या सड़ाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसृष्ट  : भू० कृ० [सं० उप√सृज्+क्त] १. पकड़ा हुआ। २. प्रेत आदि द्वारा पकड़ा हुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसेक  : पुं० [सं० उप√सिच् (सींचना)+घञ्] १. छिड़कना। २. तर करना। सींचना। ३. बचाव। रक्षा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसेचन  : पुं० [सं० उप√सिच्+ल्युट-अन] १. पानी से तर करना या भिगोना। २. सींचना। ३. रसेदार व्यंजन। जैसे—तरकारी, दाल आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपसेवन  : पुं० [सं० उप√सेव् (सेवा करना)+ल्युट-अन] १. सेवा करना। २. सेवन करना। ३. आलिंगन करना। गले लगाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्कर  : पुं० [सं० उप√कृ(करना)+अप्, सुट्] १. चोट या हानि पहुँचाना। २. हिंसा करना। ३. जीवन-निर्वाह में सहायक होनेवाली चीजें या बातें। ४. सजावट या सजाने की सामग्री। उपस्कार। ५. कोई ऐसा यंत्र जिसमें अनेक छोटे-छोटे तथा पेचीले कल पुरजे हों। संयंत्र। (एपरेटस)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्करण  : पुं० [सं० उप√कृ+ल्युट-अन, सुट्] १. हानि या चोट पहुँचाना। २. सँवारना। सजाना। ३. विकार। ४. निंदा। ५. समूह।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्कार  : पुं० [सं० उप√कृ+घञ्, सुट्] १. रिक्त स्थान की पूर्ति करनेवाली चीज। २. सँवारना। सजाना। ३. घर-गृहस्थी आदि में सजावट की सामग्री। (फर्निचर) ४. आभूषण। गहना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्कृत  : भू० कृ० [सं० उप√कृ+क्त, सुट्] १. बनाया या प्रस्तुत किया हुआ। २. इकट्ठा किया हुआ। ३. बदला हुआ। ४. लांछित। ५. हत। ६. सँवरा या सजाया हुआ। ७. अलंकृत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्तरण  : पुं० [सं० उप√स्तृ (फैलाना)+ल्युट-अन] १. फैलाना। बिछाना। २. बिछावन। बिछौना। ३. चादर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थ  : वि० [सं० उप√स्था (ठहरना)+क] बैठा हुआ। पुं० १. शरीर का मध्य भाग। २. पेड़ू। ३. पुरुष या स्त्री की जननेंद्रिय। लिंग या भग। ४. मल-त्याग का मार्ग। गुदा। ५. चूतड़। ६. गोद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थली  : स्त्री० [सं० उपस्थल+ङीष्] कटि। कमर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थाता (तृ)  : वि० [सं० उप√स्था+तृच्] १. उपस्थित रहनेवाला। २. समीप रहनेवाला। ३. उपा-सक। पुं० नौकर। भूत्य। सेवक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थान  : पुं० [सं० उप√स्था+ल्युट-अन] १. किसी के समीप जाना या पहुँचना। २. उपस्थित होना। ३. अभ्यर्थना, पूजा आदि के लिए पास आना। ४. पूजा आदि का स्थान। ५. समाज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थापक  : पुं० [सं० उप√स्था+णिच्, पुक्+ण्वुल्-अक] १. प्रस्ताव आदि के रूप में किसी सभा या समिति के समक्ष विचार करने के लिय कोई प्रस्ताव या विषय उपस्थित करनेवाला। २. पेशकार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थापन  : पुं० [सं० उप√स्था+णिच्, पुक्+ल्युट-अन] १. उपस्थित करना। २. सभा, समिति आदि के समक्ष कोई विषय प्रस्ताव के रूप में विचारार्थ उपस्थित करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थापित  : भू० कृ० [सं० उप√स्था+णिच्, पुक्+क्त] जिसका उपस्थापन हुआ हो। उपस्थित किया हुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थित  : वि० [सं० उप√स्था+क्त] १. पास या समीप बैठा हुआ। २. जो दूसरों के समक्ष या उनकी उपस्थित में आया हो। ३. सामने आया हुआ। प्रस्तुत। ४. ध्यान या मन में आया हुआ। ५. स्मृति में वर्तमान। याद। जैसे—इन्हें तो सारी गीता उपस्थित है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिता  : स्त्री० [सं० उपस्थित+टाप्] एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में एक तगण, दो जगण और एक अन्त में एक गुरु होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति  : स्त्री० [सं० उप√स्था+क्तिन्] १. उपस्थित होने की अवस्था, क्रिया या भाव। मौजूदगी। २. हाजिरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति-अधिकारी (रिन्)  : पुं० [ष० त०] किसी संस्था, विशेषतः शिक्षा देनेवाली संस्था का वह अधिकारी जो शिक्षार्थियों की उपस्थिति संबंधी देख-भाल करता और उपस्थिति बढ़ाने का प्रयत्न करता है। (एटेण्डेण्टआफिसर)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति-पंजी  : स्त्री० [ष० त०] वह पंजी जिसमें किसी कार्यालय, संस्था आदि में नित्य और नियमित रूप से उपस्थित होनेवाले लोगों की उपस्थिति का लेखा रहता है। (एटेण्डेन्स रजिस्टर)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्थिति-पत्र  : पुं० [सं० ष० त०] किसी को किसी अधिकारी के सामने किसी निश्चित समय पर उपस्थित होने के लिए भेजा हुआ आधिकारिक पत्र या सूचना। आकारक। (साइटेशन)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्पर्श  : पुं०=आचमन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उपस्वेद  : पुं० [सं० उप√स्विद् (पसीना निकलना)+घञ्] १. आर्द्रता। नमी। २. भाप। वाष्प ३. पसीना । स्वेद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ