| 
		
			| शब्द का अर्थ |  
				| उपसर्जन					 : | पुं० [सं० उप√सृज्+ल्युट-अन] १. गढ़, ढाल या बनाकर तैयार करना। २. दैवी उत्पात या उपद्रव। ३. अप्रधान या गौण वस्तु। ४. त्याग। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| उपसर्जन					 : | पुं० [सं० उप√सृज्+ल्युट-अन] १. गढ़, ढाल या बनाकर तैयार करना। २. दैवी उत्पात या उपद्रव। ३. अप्रधान या गौण वस्तु। ४. त्याग। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |