| शब्द का अर्थ | 
					
				| उबार					 : | पुं० [सं० उद्वारण] १. उबरने या उबारने की क्रिया या भाव। उद्वार। छुटकारा। बचाव। पुं० दे० ‘ओहार’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उबारना					 : | स० [सं० उद्वारण] कष्ट या विपत्ति से उद्वार करना। संकट से छुड़ाना या मुक्त करना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उबारा					 : | पुं० [सं० उद्जल+वारणरोक] वह जल-कुंड जो कुओं आदि के निकट चौपायों के जल पीने के लिए बना रहता है। अहरी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उबार					 : | पुं० [सं० उद्वारण] १. उबरने या उबारने की क्रिया या भाव। उद्वार। छुटकारा। बचाव। पुं० दे० ‘ओहार’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उबारना					 : | स० [सं० उद्वारण] कष्ट या विपत्ति से उद्वार करना। संकट से छुड़ाना या मुक्त करना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उबारा					 : | पुं० [सं० उद्जल+वारणरोक] वह जल-कुंड जो कुओं आदि के निकट चौपायों के जल पीने के लिए बना रहता है। अहरी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |