| शब्द का अर्थ | 
					
				| उरुग					 : | पुं० [स्त्री० उरुगिनी] उरग। (साँप) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उरुगाय					 : | वि० [सं० उर√गै(गान करना)+घञ्] १. गाये जाने के योग्य। गेय। २. जिसका गुणगान हुआ हो। प्रशंसित। ३. लंबा-चौड़ा। प्रशस्त। पुं० १. विष्णु। २. सूर्य। ३. इंद्र। ४. सोम। ५. प्रशस्त स्थान। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उरुग					 : | पुं० [स्त्री० उरुगिनी] उरग। (साँप) | 
			
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				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उरुगाय					 : | वि० [सं० उर√गै(गान करना)+घञ्] १. गाये जाने के योग्य। गेय। २. जिसका गुणगान हुआ हो। प्रशंसित। ३. लंबा-चौड़ा। प्रशस्त। पुं० १. विष्णु। २. सूर्य। ३. इंद्र। ४. सोम। ५. प्रशस्त स्थान। | 
			
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