शब्द का अर्थ
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					करुणा					 :
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					स्त्री० [सं० करुण+टाप्] किसी असमर्थ, असहाय, दुःखी अथवा संकट में पड़े हुए व्यक्ति को देखकर मन में होनेवाली उसके दुःख की ऐसी अनुभूति जो उसका कष्ट या दुःख दूर करने की प्रेरणा करती हो। (कम्पैशन)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					करुणाकर					 :
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					वि० [सं० करुणा-आकर ष० त०] दूसरों के दुःख से दुःखी होनेवाला अर्थात् अत्यन्त दयालु।				 | 
			
			
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					करुणा-दृष्टि					 :
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					स्त्री० [ष० त०] ऐसी दृष्टि जिससे करुणा प्रकट होती हो।				 | 
			
			
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					करुणा-निधान (निधि)					 :
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					वि० [ष० त०] जिसका हृदय करुणा से भरा हो। दूसरों पर सदा करुणा करनेवाला।				 | 
			
			
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					करुणामय					 :
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					विं० [सं० करुणा+मयट्] करुणा से युक्त या भरा हुआ।				 | 
			
			
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					करुणार्द्र					 :
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					विं० [सं० करुणा-आर्द्र, तृ० त०] जिसका मन करुणा से आर्द्र या द्रवित हो रहा हो या हो जाता हो।				 | 
			
			
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					करुणा					 :
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					वि० =कड़ुआ। पुं० =करुआ। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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