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			| शब्द का अर्थ |  
				| कर्षण					 : | पुं० [सं०√कृष्+ल्युट्—अन] [वि० कर्षित, कर्षी, कर्षक, कर्षणीय, कर्ष्य] १. किसी वस्तु को अपनी ओर या अपने पास खींच या घसीटकर लाने की किया या भाव। २. खरोंचकर लकीर बनाना। ३. खेत में हल जोतना। ४. खेती-बारी का काम। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| कर्षणि					 : | स्त्री० [सं०√कृष्+अनि] व्यभिचारिणी स्त्री। कुलटा। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |