शब्द का अर्थ
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कसीदा :
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पुं० [फा० कशीदः] १. कपड़े पर सूई-डोरे से पशु पक्षियों के चित्र, बेल-बूटे आदि काढ़ने या बनाने का काम। २. लाक्षणिक अर्थ में ऐसा महीन काम जिसे पूरा करने में आँखों पर बहुत जोर पड़ता हो। क्रि० प्र०-काढ़ना।—निकालना। पुं० [अ० कसीदः] उर्दू फारसी आदि की एक प्रकार की कविता, जिसमें प्रायः किसी की स्तुति या निन्दा होती है। (इसमें क्रम से १७ पंक्तियों का होना आवश्यक माना गया है।) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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