शब्द का अर्थ
|
कृत्तिकांजि :
|
पुं० [सं० कृत्तिका-अञ्जि, ब० स०] अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े के मस्तक पर लगाया जानेवाला तिलक, जो शकटाकार होता था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कृत्तिका :
|
स्त्री० [सं०√कृत्त+तकिन्, टाप्] १. २७ नक्षत्रों में से तीसरा नक्षत्र। २. छकड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|