शब्द का अर्थ
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कृषि :
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स्त्री० [सं० कृष्+इन्] [वि० कृष्य] १. खेतों को जोतने-बोने और उनमें अन्न आदि उपजाने का काम। खेती-बारी। २. जमीन की बोआई। ३. फसल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कृषिक :
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पुं० [सं०√कृष्+किकन्] किसान। कृषक। |
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कृषि-कर्म (न्) :
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पुं० [ष० त०] खेतों को जोतने-बोने और उनमें अन्न आदि उपजाने का काम। खेती-बारी। |
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कृषिकार :
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पुं० [सं० कृमि√कृ (करना)+अण्, उप० स०] किसान। कृषक। |
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कृषि-जीवी (विन्) :
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वि० [सं० कृषि√जीव् (जीना)+णिनि] (व्यक्ति) जो अपनी जीविका खेती-बारी करके चलाता हो। |
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कृषित :
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भू० कृ० [सं० कृष्ट] १. (खेत) जो जोता-बोया गया हो। २. खेती करके उपाजाया गया हो। जो स्वयं या आप-से-आप न उगा हो, बल्कि जोत-बोकर उपजाया गया हो। (कल्टिवेटेड उक्त दोनों अर्थों में)। |
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कृषि-यंत्र :
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पुं० [सं० ब० स०] एक प्रकार की गाड़ी जिसमें इंजन लगा रहता है और जो खेतों को जोतता तथा फसलें आदि काटता है। (ट्रक्टर)। |
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कृषि-वर्ष :
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पुं० [ष० त०] वर्ष का वह मान जो कृषि संबंधी कार्यों और फसल के विचार से स्थिर होता है। (एग्रिकलचरल ईयर) |
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कृषि-भूमि :
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स्त्री० [कर्म० स०] जोती तथा बोयी हुई जमीन। कृषित भूमि। |
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