| शब्द का अर्थ | 
					
				| खुदरा					 : | पुं० [फा० खुर्दा, सं० क्षुद्र] १. छोटी और साधारण वस्तु। फुटकर चीज। २. किसी पूरी चीज में के छोटे-छोटे अंश, खंड या टुकड़े। जैसे–दस रुपये के नोट का खुदरा। ३. चीजों की ब्रिकी का वह प्रकार जिसमें वे इकट्ठी या पूरी नहीं, बल्कि टुकड़े-टुकड़े या थोड़ी-थोड़ी करके बेची जाती हैं। थोक का विपर्याय। जैसे– थोक के व्यापारी खुदरा माल नहीं बेचते। वि० १. जो छोट-छोटे अंशों या टुकड़ों में हो। जैसे–खुदरा(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) नोट, खुदरा सौदा। २. थोड़ा-थोड़ा करके बिकनेवाला। (रिटेल)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) वि०=खुरदुरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| खुदराई					 : | स्त्री० [फा०] खुदराय होने की अवस्था या भाव। | 
			
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				| खुदराय					 : | वि० [फा०] १. अपनी ही राय या विचार के अनुसार सब काम करनेवाला। दूसरों की राय न मानने या सुननेवाला। २. स्वेच्छा-चारी। निरंकुश। | 
			
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