| शब्द का अर्थ | 
					
				| खूँद					 : | स्त्री० [हिं० खूँदना] खड़े हुए घोड़े के खूँदने अर्थात् जमीन पर बार-बार पैर पटकने की क्रिया या भाव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| खूँदना					 : | अ० [सं० खंडन-तोड़ना] [भाव० खूँद] १. चंचल या तेज घोड़ों का खड़े रहने की दशा में पैर उठा-उठाकर जमीन पर पटकना। २. जमीन पर पैर इस प्रकार पटकना कि उसका कुछ अंश खुद या कट जाए। उदाहरण-आजु नराएन फिर जग खूँदा।–जायसी। ३. पैरों से कुचलना या रौंदना। ४. अव्यवस्थित या तितर-बितर करना। अ०-कूदना। उदाहरण-चढ़ै तो जाइ बारवह खूँदी।–जायसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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