| शब्द का अर्थ | 
					
				| खेत					 : | पुं० [सं० क्षेत्र] १. वह भू-खंड जो फसल उपजाने के लिए जोता-बोया जाता है। मुहावरा–खेत कमाना=खेत में खाद आदि डालकर उसे उपजाऊ बनाना। खेत करना–जोतने-बोने के लिए भूमि को समतल करना। २. खेत में खड़ी हुई फसल। मुहावरा– खेत काटना=खेत में उपजी हुई फसल काटना। ३. वह प्रदेश जहाँ कोई चीज उत्पन्न होती हो। जैसे–अच्छे खेत का घोड़ा। ४. युद्ध क्षेत्र। समर भूमि। मुहावरा–खेत आना=युद्ध में मारा जाना। (किसी से) खेत करना-लड़ना। युद्ध करना। उदाहरण-जंभुक करै केहरि सों खेतू।–कबीर। खेत माँडना-युद्ध का आयोजन करना। खेत देखना-युद्ध में जीतना। विजयी होना। खेत रहना-युद्ध में मारा जाना। ५. तलवार का फल। ६. रहस्य संप्रदाय में, शरीर। | 
			
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				| खेत बँट					 : | स्त्री० [हिं० खेत+बाँटना] खेतों के बँटवारे का वह प्रकार जिसमें हर खेत टुकड़े-टुकड़े करके बाँटा जाता है। ‘चकबंद’ का उलटा। | 
			
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				| खेतिया					 : | पुं०=खेतिहर (किसान)। | 
			
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				| खेतिहर					 : | पुं० [सं० क्षेत्रधर या हिं० खेती+हर] जमीन को जोत-बोकर उसमें फसल उपजाने वाला व्यक्ति। किसान। कृषक। | 
			
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				| खेती					 : | स्त्री० [हिं० खेत+ई (प्रत्यय)] १. खेत को जोतने-बोने तथा उसमें फसल उपजाने की कला या काम। २. खेत में बोई हुई फसल। | 
			
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				| खेती पथारी					 : | स्त्री० दे० ‘खेतीबारी’। | 
			
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				| खेतीबारी					 : | स्त्री० [हिं० खेती+बारी-बाग-बगीचा] खेत बोने-जोतने और उससे अन्न उपजाने का काम। कृषिकर्म। | 
			
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				| खेती-भूमि					 : | स्त्री० [हिं० खेती+सं० भूमि] ऐसी भूमि जिस पर खेती होती हो या हो सकती हो। (कलचरेबुल लैंड) | 
			
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				| खेत्र					 : | पुं० =क्षेत्र। | 
			
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