| शब्द का अर्थ | 
					
				| खोड़					 : | स्त्री० [हिं० खोट] १. किसी प्रकार का ऐब, दोष या हीनता। जैसे–कष्ट रोग आदि। २. देवता पितर, भूत-प्रेत आदि का कोप या बाधा। दैव कोप। ऊपरी फेर। ३. कमी। न्यूनता। उदाहरण-नाल्ह कहहि जिणि आबइ हो खोड़ि।–नरपति नाल्ह। वि०=खोड़ा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| खोड़र (ा)					 : | पुं० [सं० कोटर] पुराने पेड़ का खोखला भाग। | 
			
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				| खोड़िया					 : | स्त्री० दे० ‘खोरिया’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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