| शब्द का अर्थ | 
					
				| खोर					 : | स्त्री० [हिं० खुर] १. बस्तियों की तंग या सकरी गली। कूचा। २. वह नाँद जिसमें पशुओं को चारा डाल कर खिलाया जाता है। स्त्री० [हिं० खोरना] नहाना। स्नान। वि० [हिं० खोड़ा] जिसका कोई अंग टूट गया हो। उदाहरण-धनुष बान सिरान केधौं गरुड़ बाहन खोर।–सूर। वि० [फा०] एक विश्लेषण जो शब्दों के अन्त में प्रत्यय के रूप में लगकर खानेवाले का अर्थ देता है। जैसे–आदमखोर, नशाखोर, रिश्वतखोर, हरामखोर आदि। पुं० [देश०] बबूल की जाती का एक ऊँचा पेड़। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| खोरड़ा					 : | वि० [?] [स्त्री० खोरड़ी] सफेद केशवाला। उदाहरण–अब जण होई खोरड़ी, जाए कहा करेस।–ढोला मारू।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| खोरना					 : | अ० [सं० क्षालन] स्नान करना। नहाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| खोरनी					 : | अ० [हिं० खोरना] वह लकड़ी जिससे भट्ठी या भाड़ में ईधन झोंका जाता है। | 
			
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				| खोरा					 : | पुं० [सं० खुल्ल या खोलक, फा० आबखोरा] [स्त्री० अल्पा० खोरिया] १. छोटा कटोरा या प्याला। २. एक प्रकार का गिलास। वि० दे० ‘खोड़ा’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| खोराक					 : | स्त्री०=खूराक। | 
			
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				| खोराकी					 : | वि० स्त्री० =खूराकी। | 
			
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				| खोरि					 : | स्त्री० [हिं० खुर] १. तंग या सकरी गली। २. छोटी कटोरी। उदाहरण–खोरिन्ह महँ देखिअ छिटिआने–जायसी। स्त्री० [हिं० खोट] १. दोष के रूप में मानी जाने वाली अनुचित और लज्जाजनक बात। २. बुरा काम करने के समय होनेवाला भय या संकोच। उदाहरण–कत सकुचत निधरक फिरौ रति यौ खोरि तुम्हें न।–बिहारी। | 
			
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				| खोरिया					 : | स्त्री० [?] वह आनन्दोत्सव जो वर पक्ष की स्त्रियाँ बरात घर से चल चुकने पर नाच-गाकर मनाती हैं।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [हिं० खोरा] १. छोटी कटोरी या गिलास। २. वे बुदें या सितारे जो स्त्रियाँ अपने मुँह पर शोभा के लिए लगाती है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| खोरी					 : | स्त्री० [फा० खूट से हिं० खोर+ई प्रत्यय] खाने की क्रिया या भाव। जैसे–रिश्वतखोरी, हरामखोरी, हवाखोरी आदि। स्त्री० =कटोरी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री०=खोर (सँकरी गली)। | 
			
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