| शब्द का अर्थ | 
					
				| ग्वाल					 : | पुं० [सं० गोपाल, प्रा० गोवाल, बं० गोयाल, गुं० गोवाड़, मरा० गवडी, पं० गवाल] [स्त्री० ग्वालिन] गौएँ पालने तथा दूध आदि बेचने का व्यवसाय करनेवाला व्यक्ति। अहीर। | 
			
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				| ग्वाल-ककड़ी					 : | स्त्री० [हिं० ग्वाल+ककड़ी] एक वनस्पति जिसकी जड़ें पत्ते, बीज आदि दवा के काम आते हैं। | 
			
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				| ग्वाल-गीत					 : | पुं० [हिं० ग्वाल+गीत] वे गीत जो ग्वाले या चरवाहे पशु चराते समय गाते हैं। (पैस्चोरल सांग)। | 
			
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				| ग्वाल-दाड़िम					 : | पुं० [हिं० ग्वाल+दाडि़म] मालकंगनी की जाति का एक छोटा पेड़। | 
			
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				| ग्वाल-बाल					 : | पुं० [हिं० ग्वाल+बाल] १. अहीरों के लड़के। २. कृष्ण के बाल सखा। | 
			
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				| ग्वाला					 : | पुं० [सं० गोपाल, प्रा० गोवाल] १. अहीर। ग्वाला। २. एक प्रकार का वृक्ष जिसकी लकड़ी बहुत मुलायम होती है और जिस पर चित्रों आदि की उकेरी या खुदाई होती है। | 
			
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				| ग्वालिन					 : | स्त्री० [हिं० ग्वाल] १. ग्वाल जाति की स्त्री। २. ग्वाले की पत्नी। ३. ग्वार नामक पौधा। ४. गिंजाई नामक बरसाती कीड़ा। | 
			
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