शब्द का अर्थ
|
चंद्र-प्रभ :
|
वि० [ब० स०] जिसमें चंद्रमा की-सी प्रभा या ज्योति हो। पुं० १. जैनों के आठवें तीर्थकर जो महासेन के पुत्र थे। २. तक्षशिला के एक प्राचीन राजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चंद्र-प्रभा :
|
स्त्री० [ष० त०] १. चंद्रमा की प्रभा। चाँदनी। २. [ब० स०] बकुची नामक औषधि। ३. वैद्यक की एक प्रसिद्ध गुटिका जो अर्श, भगंदर आदि के रोगियों को दी जाती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |