| शब्द का अर्थ | 
					
				| जंद					 : | पुं० [सं० छन्दस् का ईरानी रूप] पारसियों का प्रसिद्ध धर्म-ग्रन्थ जो जरतुश्त की रचना है। (पहले लोग इसे भूल से उक्त ग्रंथ की भाषा का नाम समझते थे जो वास्तव में अवेस्ता है)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| जंदरा					 : | पुं० [सं० यंत्र] ताला। (पश्चिम)। पुं०=जाँता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |