| शब्द का अर्थ | 
					
				| जघन्य					 : | वि० [सं० जघन+यत्] [भाव० जघन्यता] १. अंतिम सीमा पर का। चरम। २. बहुत ही निंदनीय और बुरा। गर्हित। ३. क्षुद्र। नीच। पुं० १. नीच जाति का व्यक्ति। २. पीठ पर का पुट्ठे के पास का भाग। | 
			
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				| जघन्यज					 : | पुं० [सं० जघन्य√ जन् (उत्पत्ति)+ड] १. शूद्र। २. अंत्यज। | 
			
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				| जघन्य-भ					 : | पुं० [कर्म० स०] आर्द्रा, अश्लेषा, स्वाति, ज्येष्ठा, भरणी और शतभिषा ये छः नक्षत्र। | 
			
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