| शब्द का अर्थ | 
					
				| जरण					 : | पुं० [सं०√जृ+णिच्+ल्यु-अन] १. हींग। २. जीरा। ३. काला नमक। ४. कासमर्द। कसौंजा। ५. बुढ़ापा। ६. दस प्रकार के ग्रहणों में से वह जिसमें पश्चिम से मोक्ष होना आरम्भ होता है। वि० जीर्ण। पुराना। | 
			
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				| जरण-द्रुम					 : | पुं० [कर्म० स] १. साखू का वृक्ष। २. सागौन। | 
			
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				| जरणा					 : | स्त्री० [सं० जरण+टाप्] १. काला जीरा। २. वृद्धावस्था। ३. स्तुति। ४. मोक्ष। | 
			
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