| शब्द का अर्थ | 
					
				| जसु					 : | पुं० [सं०√जस् (छोड़ना आदि)+उ] १. अस्त्र। हथियार। २. अशक्तता। ३. थकावट। पुं०=जस (यश)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) सर्व० [सं० यस्यं या जस्स] जिसका। स्त्री=यशोदा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| जसुरि					 : | पुं० [सं०√जस्+उरिन्] वज्र। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |