| शब्द का अर्थ | 
					
				| जित्					 : | वि० [सं० (पूर्व पद रहनेपर)√ जि (जीतना)+क्विप्, तुक्] यौगिक शब्दों में, जिसने किसी को जीत लिया हो। जैसे–इंद्र जित् (जिसने इंद्र को जीता हो)। पुं० जीत। विजय। क्रि० वि० जिस ओर। जिधर। | 
			
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				| जित्तम					 : | पुं० [यू० डिडुमाइ] मिथुन राशि। | 
			
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				| जित्य					 : | पुं० [सं०√जि+क्यप्.तुक्] [स्त्री.जित्या] १. एक प्रकार का बड़ा हल। २. पाटा। हेंगा। | 
			
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				| जित्या					 : | स्त्री० [सं० जित्य+टाप्] १. विजय। २. प्राप्ति। लाभ। ३. हल और उसका फाल। | 
			
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				| जित्वर					 : | वि० [सं०√जि+क्वरप्,तुक्] वह जिसे विजय मिली हो। जीतनेवाला। विजयी। | 
			
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				| जित्वरी					 : | स्त्री० [सं० जित्वर+ङीष्] काशी पुरी का एक प्राचीन नाम। | 
			
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