| शब्द का अर्थ | 
					
				| जिस					 : | वि० [सं० यः यस्] हिंदी विशेषण जो का वह रूप जो उसे विभक्ति से युक्त विशेष्य के पहले लगने पर प्राप्त होता है। जैसे–जिस, व्यक्ति को, जिस जीवन का, जिस नौकर ने, जिस कमरे में आदि। सर्व० हिं० सर्वनाम जो की वह रूप जो विभक्ति लगने से पहले प्राप्त होता है। जैसे–जिसने, जिससे, जिसपर, जिसमें, जिसको आदि। पद–जिसका तिसका=किसी निश्चित व्यक्ति का। चाहे किसी व्यक्ति का। जैसे–सारी संपत्ति जिसकी तिसकी हो जायगी। | 
			
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				| जिसिम					 : | पुं=जिस्म (शरीर)। | 
			
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				| जिस्ट					 : | वि० [?] १. बड़ा। २. भारी। उदाहरण–जग्य जिस्ट उचिष्ट करै, कातर कृत हारिय।-चन्द्रबरदाई। | 
			
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				| जिस्ता					 : | पुं० १.=जस्ता। २.=दस्ता। | 
			
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				| जिस्म					 : | पुं० [फा०] [वि० जिस्मानी] १. देह। बदन। शरीर। २. स्त्री या पुरुष का गुप्त अंग। भग या लिंग (क्व०)। | 
			
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				| जिस्मानी					 : | वि० [फा०] जिस्म या शरीर से संबंध रखने या उनसे होनेवाला। शारीरिक। | 
			
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				| जिस्मी					 : | वि०=जिस्मानी। | 
			
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