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			| शब्द का अर्थ |  
				| जूस					 : | पुं० [सं० जूष] १. तरकारी, दाल आदि उबालने पर उसका वह पानी या रसा जो प्रायः दुर्बल रोगियों को पथ्य के रूप में दिया जाता है। २. रोगी को दिया जानेवाला पथ्य या बहुत हलका पेय पदार्थ। ३. तरकारियों आदि का झोल या रसा। शोरबा। ४. पके हुए फूल का निचोड़ा हुआ रस। वि० [फा० जुफ्त, मि० सं० युक्त] जो गिनती संख्या में युग्म या सम ठहरे। ताक या विषम का विपर्याय। जैसे–२, ४, १॰, २॰, तब गिनती के विचार से जूस और ३, ५, ११, १९ ताक हैं। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| जूस ताक					 : | पुं० [हिं० जूस+फा०ताक] एक प्रकार का जूआ जिसमें,मुट्ठी में कौड़ियों भरकर विपक्षी से पूछा जाता है कि इसकी संख्या सम है या विषम। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| जूसी					 : | स्त्री० [हिं० जूस] ऊख के रस को उबालकर गाढ़ा करते समय उसमें से निकलनेवाली गाढ़ी तल-छट। चोटा। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |