| शब्द का अर्थ | 
					
				| ज्यान					 : | पुं० [फा० जियान] घाटा। नुकसान। हानि। पुं०=ज्ञान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| ज्याना					 : | स० [हिं० जिलाना] १. जीवित करना। प्राण डालना। जिलाना। २. जीवित रखना। ३. (पशु-पक्षी आदि) पालना-पोसना। उदाहरण–सुक सारिका जानकी ज्याए।-तुलसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |