| शब्द का अर्थ | 
					
				| ज्योत्स्ना					 : | स्त्री० [सं० ज्योतिस्+न, इलोप, नि०] १. चंद्रमा का प्रकाश। २. पृथ्वी पर छिटका या फैला हुआ उक्त प्रकाश। चाँदनी। ३. शुक्ल पक्ष की या चाँदनी रात। ४. सौंफ। | 
			
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				| ज्योत्स्नाकाली					 : | स्त्री० [सं०] वरुण के पुत्र पुष्कर की पत्नी जो सोम की कन्या थी। | 
			
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				| ज्योत्स्ना-प्रिय					 : | पुं० [ब० स०] चकोर। | 
			
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				| ज्योत्स्ना-वृक्ष					 : | पुं० [ष० त०] दीपाधार। दीवट। | 
			
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