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			| शब्द का अर्थ |  
				| ठनकना					 : | अ० [अनु० ठन-ठन] १. ठन-ठन शब्द होना। जैसे–गिरने से पीतल या लोटा ठनकना। २. ढोल, तबले, मृदंग आदि ऐसे बाजे बजना जिनमें बीच-बीच में ठन-ठन शब्द होता हो। जैसे–तबला ठनकना। मुहावरा–तबला ठनकना=नाच-गाना होना। ३. रह-रहकर आघात पड़ने की सी पीड़ा होना। जैसे–माथा ठनकना। मुहावरा–माथा ठनकना=सहसा किसी बात या व्यक्ति के संबंध में मन में कुछ आशंका या संदेह उत्पन्न होना। जैसे–उसका रंग-ढंग देखकर पहले ही मेरा माथा ठनका था। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |