| शब्द का अर्थ | 
					
				| ठवन					 : | स्त्री० [सं० स्थापन] १. किसी ऐसी विशिष्ट अवस्था में होने का भाव या ढंग जिससे शरीर के अंगों से कलापूर्ण सौंदर्य प्रकट होने लगे। २. किसी विशिष्ट भाव की अभिव्यक्ति के लिए बनाई हुई मुद्रा। ३. खड़े होने, बैठने आदि की कोई विशिष्ट मुद्रा। (पोज)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| ठवना					 : | स०=ठयना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| ठवनि					 : | स्त्री०=ठवन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| ठवनी					 : | स्त्री०=ठवन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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