शब्द का अर्थ
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					डग					 :
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					पुं० [डाँकना का अनु०] १. चलते या दौड़ते समय एक पैर को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर रखने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०–देना।–भरना।–मारना। २. उतना अवकाश या दूरी जितनी चलते या दौड़ते समय एक पैर एक बार उठाकर फिर रखने में पार की जाती है।				 | 
			
			
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					डगक					 :
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					पुं० [हिं० डग+एक] एक या दो डग। एक या दो कदम। उदाहरण–-डगकु डगति सी चलि ठठुठि चितई चली निहारि।–बिहारी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगडगाना					 :
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					अ० स०=डगमगाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगड़ी					 :
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					स्त्री०=डगरी। उदाहरण–-डगड़ी गड़ती गड़ जाय मही।–निराला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगडोलना					 :
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					अ०, स०=डगमगाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगडौर					 :
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					वि० [हिं० डग+डोलना]=डाँवाँडोल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगण					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] पिंगल में एक गण जिसमें चार मात्राएं होती हैं।				 | 
			
			
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					डगना					 :
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					अ० [हिं० डग+ना (प्रत्यय)] १. डग भरना। कदम या पैर उठाकर चलना। २. डगमगाना। ३. अपने स्थान से इधर-उधर होना। हिलना। ४. चूक या भूल करना। अ० =डिगना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डग-मग					 :
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					वि० [हिं० डग (कदम)+मग (मार्ग अनु०)] १. मार्ग में अर्थात् चलते समय जिसके कदम लड़खड़ा रहे हों। २. जो बहुत अधिक हिल-डुल रहा हो। ३. (व्यक्ति) जो विचलित हो गया हो और इसी लिए कोई ठीक निश्चय न कर पाता हो। पुं० डगमगाने या अस्थिर रहने की अवस्था या भाव। उदाहरण–-डगमग छाँड़ि दे मन बौरा।–कबीर।				 | 
			
			
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					डगमगना					 :
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					अ०=डगमगाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगमगाना					 :
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					अ० [हिं० डगमग+ना (प्रत्यय)] १. चलते समय मार्ग में कदमों का ठीक प्रकार से न पड़ना। २. इस प्रकार हिलना-डुलना कि पैर ठीक से न पड़े। ३. नाव आदि का) बहुत जोर से इधर-उधर हिलना-डुलना। ४. विचलित होना। स० १. ऐसा काम करना जिससे कोई डगमग करने लगे। २. विचलित करना।				 | 
			
			
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					डगर					 :
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					स्त्री० [हिं० डग+कदम] १. मार्ग। रास्ता। २. गाँव-देहात का छोटा और तंग रास्ता।				 | 
			
			
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					डगरना					 :
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					अ० [हिं० डगर] डगर या रास्ता चलना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगरा					 :
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					पुं० [देश०] [स्त्री० अल्पा० डगरी] बाँस की फट्टियों का बना हुआ छिछला बरतन। छाबड़ा। डलरा। पुं=डगर (रास्ता)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगरना					 :
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					अ०=डगरना। स० रास्ते पर चलाना या लगाना।				 | 
			
			
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					डगरिया					 :
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					स्त्री० [हिं० डगर का स्त्री० रूप] छोटा और तंग रास्ता।				 | 
			
			
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					डगरी					 :
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					स्त्री०=डगर।				 | 
			
			
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					डगा					 :
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					पुं० [हिं० डागा] वह लकड़ी जिससे डुग्गी बजाई जाती है। डाग। पुं०=डग्गा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डगाना					 :
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					स०=डिगाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					डग्गर					 :
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					पुं० [सं० तर्क्षु] भेड़िये की तरह का एक मांसाहारी हिंसक पशु। वि० दे० ‘डाँगर’।				 | 
			
			
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					डग्गा					 :
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					पुं० [हिं० डग] पतली और लंबी टाँगोंवाला दुबला घोड़ा। पुं०=डगा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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