शब्द का अर्थ
|
तुल्ययोगिता :
|
स्त्री० [सं० तुल्ययोगिन्+तल्–टाप्] साहित्य में एक अलंकार जिसमे अप्रस्तुत अथवा प्रस्तुत पदार्थों के किसी एक धर्म से युक्त या सम्बद्ध होने का उल्लेख होता है। जैसे–उस सुन्दरी की कोमलता को देखकर किस तरूण के हृदय में मालती के फूल, चन्द्रमा की कला और केले के पत्ते कठोर नहीं जँचने लगे। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|