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			| शब्द का अर्थ |  
				| दंडापूपन्याय					 : | पुं० [दण्ड-अपूप, मध्य० स० दण्डापूप-न्याय मध्य० स०?] एक प्रकार का न्याय जिसके अनुसार दो परस्पर संबंधित बातों में से एक के सिद्ध होने पर दूसरे की सिद्धि उसी प्रकार निश्चित मान ली जाती है, जिस प्रकार डंडे के चूहे द्वारा खा लेने पर उसमें बँधे हुए पूए का भी चूहे द्वारा खा लिया जाना निश्चित होता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |