| 
		
			| शब्द का अर्थ |  
				| दश-गात्र					 : | पुं० [द्विगु० स०] १. शरीर के दस प्रधान अंग। २. कर्मकांड में, वे कृत्य जिनमें किसी के मरने पर दस दिनों तक दस पिंड इस उद्देश्य से बनाकर दिये जाते हैं कि मृतात्मा के दसों अंग फिर से बन जाएँ और उसका शरीर पूरा हो जाय। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |