| शब्द का अर्थ | 
					
				| दाढ़ी					 : | स्त्री० [सं० दाढ़िका] १. मनुष्यों में पुरुष जाति के लोगों की ठोढ़ी पर उगनेवाले बाल जो या तो मुँड़वाकर साफ किये जाते हैं या बढ़ाकर बड़े बड़े किये जाते हैं। मुहावरा—दाढ़ी घुटवाना या बनवाना=दाढ़ी पर के बाल उस्तरे से मुँड़वाना। २. ठोढ़ी। चिबुक। ३. कुछ विशिष्ट प्रकार के पशुओं की ठोढ़ी पर के वे बाल जो प्रायः बढ़कर झूलने या लटकने लगते हैं। जैसे—बकरे की दाढ़ी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| दाढ़ीजार					 : | पुं० [हिं० दाढ़ी+जलना] स्त्रियों की एक गाली जो वे बहुत क्रुद्ध होने पर पुरुषों को देती हैं, और जिसका अर्थ होता है—जिसकी दाढ़ी जलाई गई हो अथवा मुँह झुलसा या फूँका गया हो। विशेष—कुछ लोग इसको सं० ‘दारी-जार’ (अर्थात् दुश्चरित्रा स्त्री का यार और संगी-साथी) से व्युत्पन्न मानते हैं। | 
			
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