| शब्द का अर्थ | 
					
				| दारू					 : | पुं० [सं०√दृ(चीरना)+उण्] १. काष्ठ। काठ। लकड़ी। २. देवदारु। ३. कारीगर। शिल्पी। ४. पीतल। वि० १. दानशील। दानी। २. उदार। ३. जल्दी टूटने-फूटनेवाला। | 
			
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				| दारू					 : | स्त्री० [फा०] १. उपचार। चिकित्सा। २. दवा। औषध। ३. मद्य। शराब। ४. बारूद। विशेष—यह शब्द मूलतः स्त्री० ही है, फिर भी लोक में प्रायः पुं० ही बोला जाता है। | 
			
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				| दारूकार					 : | पुं० [फा० दारू+हिं० कार] शराब बनानेवाला। कलवार। | 
			
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				| दारूड़ा					 : | पुं० [फा० दारू] मद्य। शराब। (राज०) | 
			
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				| दारूड़ी					 : | स्त्री०=दारूड़ा। | 
			
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				| दारूधरा					 : | पुं० [फा० दारू=बारूद+हिं० धरना] तोप या बंदूक चलाने वाला। उदाहरण—जुर्रा रु बाज कूही गुहा, धानुक्की दारूधरा।—चंदबरदाई। | 
			
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