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			| शब्द का अर्थ |  
				| दृग्गणितैक्य					 : | पुं० [सं० दृंग्यगणित्-ऐक्य ष० त०] ग्रहों को किसी समय पर गणित से स्पष्ट करके फिर उसे वेधकर णिलाना और न्यूनता या अधिकता जान पड़ने पर उसमें ऐसा संस्कार करना जिससे ग्रहों के वेध और स्पष्ट स्थिति में फिर अंतर न पड़े। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |