| शब्द का अर्थ | 
					
				| देवदार					 : | पुं० [सं० देवदारु] एक प्रसिद्ध सीधे तने वाला ऊँचा पेड़ जिसके पत्ते लंबे और कुछ गोलाई लिये होता हैं तथा जिसकी लकडी मजबूत किन्तु हलकी और सुगंधित होती है, और इमारतों में काम आती है। इसे स्निग्ध और काष्ठ दो भेद हैं। काष्ठ दारु लोक में अशोक वृक्ष के नाम से प्रसिद्व है। स्निग्ध देवदारु की लकडी और तैल दवा के काम भी आता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| देवदार्वादि					 : | पुं० [सं० देवदारु-आदि ब० स०] जच्चा अर्थात् प्रसूता स्त्री को दिया जानेवाला एक तरह का क्वाथ। (भाव प्रकाश) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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